कोरिया के भोजन दर्शन में मसालेदार का मतलब भोजन का तीखा होना माना जाता है जबकि इसके अलग अपने भारत में मसालों की मात्रा और प्रकार का उपयोग किसी भी व्यंजन के मसालेदार होने या कम मसालेदार होने की मानकता को दर्शाता है I
भाषा और सांस्कृतिक अध्ययन भूमण्डल के एकीकरण में सदियों से सक्रिय रहा, मानव इतिहास में खासकर भोजन शैली ने हमेशा लोगों को जोड़ा है I मुझे पूर्ण विश्वास है, आने वाले वर्षों में दुनिया के दुसरे देशों की तरह कोरिया के लोग भी भारतीय भोजन के गुणवत्ता को सराहेंगे और भारतीय संस्कृति का विस्तार यहाँ भी वृहद् होगा I
तबतक इनकी भाषा में भारत की तार्किकता और अलौकिकता को समझाने का प्रयास जारी रखा जाए I
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