Tuesday, 4 March 2014

जेएनयू में कोरियन लैंग्‍वेज एजुकेटर्स सेमिनार का आयोजन

जेएनयू में सेमिनार
जेएनयू में सेमिनार
भारत में कोरियाई भाषा के विकास और इस ओर आगे की योजनाओं पर चर्चा के लिए हाल ही 'इंटरनेशनल कोरियन लैंग्‍वेज एजुकेटर्स सेमिनार' का आयोजन किया गया. इस दो दिवसीय आयोजन में कई इंटरनेशनल स्‍कॉलर्स ने अपने विचार साझा किए और प्रेजेंटेशन दिए. कोरिया फाउंडेशन और सिओल नेशनल यूनिवर्सिटी द्वारा प्रायोजित इस सेमिनार का आयोजन जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के कन्‍वेंशन सेंटर में 21 और 22 फरवरी को किया गया. कोरियन लैंग्‍वेज एजुकेटर्स इन इंडिया (एकेएलईआई) द्वारा अयोजित इस सेमिनार का थीम भारत में कोरियाई भाषा की शिक्षा के लिए सामरिक दृष्टिकोण था.
जेएनयू में कोरियन स्‍टडीज सेंटर की चेयरपर्सन और एकेएलईआई की को-प्रेसिडेंट प्रो. वैजयंती राघवन ने इस अवसर पर अतिथियों का स्‍वागत किया. जबकि एकेएलईआई के प्रेसिडेंट और डीयू में ईस्‍ट एशियन स्‍टडीज विभाग के प्रो. किम डो-यंग ने प्रारंभिक भाषण दिया.
जेएनयू में स्‍कूल ऑफ लैंग्‍वेज लिटरेचर एंड कल्‍चर स्‍टडीज के डीन प्रो. एमए इसलाहि ने एसोसिएशन द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की. इस अवसर पर उन्‍होंने विदेशी भाषा की महत्ता पर भी अपने विचार रखे. रिपब्‍िलक ऑफ कोरिया दूतावास के मंत्री तई-इन-चुंग ने सेमिनार आयोजन के लिए आयोजनकर्ताओं को बधाई दी. अपने भाषण में उन्‍होंने कोरियाई भाषा के महत्‍व, इतिहास, संस्‍कृति के साथ ही लोगों में इस भाषा के लिए बढ़ रही जिज्ञासा और बढ़ते ज्ञान की भी चर्चा की.
इस अवसर पर कोरियन कल्‍चर सेंटर के डायरेक्‍टर किम कुम-पी युंग ने कहा कि बीते वर्षों में कोरियाई भाषा के छात्रों की संख्‍या में वृद्धि हुई है. वहीं, सिओल नेशनल यूनिवर्सिटी के प्रो. किम जोंग शेओल ने अपने की-नोट एड्रेस में कोरियाई प्री-मॉर्डन नॉवेल और विदेशी भाषा के रूप में कोरियाई भाषा के शिक्षण पर विचार रखे.


और भी... http://aajtak.intoday.in/story/educators-meet-to-discuss-strategies-for-korean-language-education-in-india--1-755769.html

No comments:

कोरियाई प्रायद्वीप का बदलता भू-राजनीतिक परिदृश्य

 कोरियाई प्रायद्वीप पर उत्तर और दक्षिण कोरिया के संबंधों की वर्तमान स्थिति एक नए युग की भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा का प्रतीक है। यह बदलाव वैश्...